भारत में प्रेम-प्रसंग अक्सर सामाजिक मान्यताओं और जातिगत जटिलताओं की भेंट चढ़ते रहे हैं। कई बार सामाजिक डर के चलते प्रेमी-प्रेमिकाएं छिपकर मिलने को मजबूर हो जाते हैं और कभी-कभी ये मुलाकातें दुखद अंत का कारण बन जाती हैं। गुजरात के अहमदाबाद जिले के डेट्रोज गांव से एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक प्रेमी युवक की बिजली के करंट से मौत हो गई। यह हादसा छह महीने तक रहस्य बना रहा, लेकिन अब जाकर सच्चाई सामने आई है।
प्रेमिका से मिलने खेत में पहुंचा था युवक20 वर्षीय गणपत ठाकोर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह एक लड़की से प्रेम करता था, जो विभिन्न समुदाय से थी। सामाजिक विरोध और परिवार के डर से दोनों सार्वजनिक रूप से नहीं मिल पाते थे। इसलिए उन्होंने खेत में छिपकर मिलने का निर्णय लिया। 2 अक्टूबर 2024 की रात गणपत, प्रेमिका शीतल के बुलावे पर खेत में गया। लेकिन यह मुलाकात उसकी जिंदगी की आखिरी मुलाकात बन गई।
बिजली के तारों ने ले ली जानजिस खेत में दोनों मिलने गए थे, वह महेंद्र सिंह जाला नामक व्यक्ति का था। जाला ने अपने खेत की फसल को आवारा जानवरों से बचाने के लिए उसमें अवैध बिजली के तार बिछा रखे थे। रात के अंधेरे में गणपत को इस खतरे की जानकारी नहीं थी। खेत की बाड़ में करंट दौड़ रहा था, और जैसे ही गणपत ने बाड़ को छुआ, उसे तेज बिजली का झटका लगा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
सामाजिक भय और मौत पर पर्दाघटना के बाद शीतल घबराकर वहां से भाग गई। गणपत पूरी रात घर नहीं लौटा, जिससे उसके परिवार की चिंता बढ़ी। अगली सुबह पिता ईश्वरजी ठाकोर ने देखा कि गणपत का पर्स, घड़ी, जूते घर में हैं, लेकिन मोबाइल फोन गायब था। परिवार और ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की और अगले दिन उसका शव धान के खेत के पास मिला। शुरुआती जांच में पुलिस ने मौत का कारण दिल का दौरा माना, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि मृत्यु बिजली का झटका लगने से हुई है। यह जानकर परिवार को गहरा सदमा लगा।
छह महीने बाद खुला पूरा राजरिपोर्ट के बाद पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की। इस बार प्रेमिका शीतल ने सामने आकर पूरा सच बताया। उसने स्वीकार किया कि उसी रात दोनों खेत में मिलने गए थे और करंट से गणपत की मौत हुई। इस खुलासे के बाद ईश्वरजी ठाकोर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और खेत मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।
खेत मालिक पर गंभीर आरोपशिकायत में ईश्वरजी ठाकोर ने दावा किया कि खेत मालिक महेंद्र सिंह जाला को पता था कि बिजली की बाड़ किसी की जान ले सकती है, फिर भी उसने कोई चेतावनी बोर्ड, बाड़ अवरोधक, या सूचना चिह्न नहीं लगाया। यह पूरी तरह से लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार था, जिसकी कीमत एक युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
कानूनी कार्रवाई शुरूअब पुलिस ने महेंद्र सिंह जाला पर IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यदि यह साबित होता है कि बाड़ अवैध रूप से करंट युक्त थी और कोई चेतावनी नहीं दी गई थी, तो खेत मालिक को कड़ी सजा हो सकती है।
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