जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के नेत्र बैंक में 45 मरीजों को नई कॉर्निया मिलने जा रही है, जिससे उनकी वर्षों से चली आ रही तपस्या का अंत होगा। करीब पांच साल से नेत्र रोग के कारण आंखों की रोशनी खो चुके इन मरीजों के लिए यह एक नई उम्मीद की किरण साबित होगी। बुधवार और गुरुवार को दो मरीजों की आंखों में नई रोशनी आएगी और वे एक बार फिर इस खूबसूरत दुनिया को देख सकेंगे।
नेत्र बैंक के डॉक्टरों ने बताया कि इन मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट के जरिए आंखों की रोशनी प्राप्त होगी। इस प्रक्रिया से अब तक विभिन्न मरीजों को फायदा हो चुका है, लेकिन इन 45 मरीजों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस ट्रांसप्लांट प्रक्रिया के बाद मरीजों को करीब कुछ दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा और फिर वे अपनी सामान्य जिंदगी में वापस लौट सकेंगे।
इस ट्रांसप्लांट को लेकर नेत्र बैंक के अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया में कॉर्निया दान का बहुत बड़ा योगदान है। इसके लिए समाज के उन लोगों को धन्यवाद दिया गया जिन्होंने आंखों का दान किया। इस नेक कार्य से नेत्रहीन व्यक्तियों को न केवल रोशनी मिलती है, बल्कि उनके जीवन में एक नया मोड़ आता है।
नेत्र बैंक के प्रमुख डॉ. शंकर ने कहा, "हमारे लिए यह एक महत्वपूर्ण पल है, क्योंकि इन मरीजों की आंखों की रोशनी लौटाना ही हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह प्रक्रिया बहुत जटिल होती है, लेकिन नई तकनीकों और विशेषज्ञता की मदद से हम इसमें सफलता हासिल कर रहे हैं।"
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