क्रिकेट न्यूज डेस्क।। एशिया कप 2025 की शुरुआत अफगानिस्तान और हांगकांग के बीच ग्रुप-बी के मुकाबले से हुई, जिसमें अफगान टीम ने पहला मैच 94 रनों से जीत लिया। वहीं, टीम इंडिया पूल-ए में अपने अभियान की शुरुआत 10 सितंबर को दुबई के मैदान पर यूएई की टीम के खिलाफ मुकाबले से करेगी। इस बीच, टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने एशिया कप टूर्नामेंट के स्तर पर सवाल उठाए हैं, उनका मानना है कि भारत को अपनी ए टीम भेजनी चाहिए थी।
अफ्रीका जैसी बड़ी टीम को इस टूर्नामेंट में शामिल किया जाना चाहिए
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एशिया कप के बारे में बात करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका को टूर्नामेंट में शामिल करके इसे एफ्रो-एशिया कप जैसा बनाया जा सकता है, जिससे टूर्नामेंट काफी रोमांचक हो जाएगा। फिलहाल देखा जा रहा है कि भारत को भी एक ए टीम को शामिल करना चाहिए ताकि मैच को बेहतर तरीके से देखा जा सके। हमने बांग्लादेश की टीम के बारे में भी बात नहीं की है क्योंकि उनके बारे में बात करने के लिए कुछ है ही नहीं, ये टीमें भारत का सामना कैसे कर पाएंगी। आमतौर पर टी20 मैच रोमांचक होते हैं, लेकिन इस एशिया कप में भारत इसे एकतरफा बना सकता है। 2026 टी20 विश्व कप से पहले यह टूर्नामेंट कोई बड़ी तैयारी नहीं है। अगर भारत 170 से ज़्यादा का स्कोर बनाता है, तो उसे चेज़ करना आसान नहीं होगा।
भारतीय टीम की प्लेइंग 11 पर सबकी नज़रें हैं।
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम इस बार एशिया कप 2025 में पहुँची है, ऐसे में यूएई के खिलाफ मैच में टीम इंडिया की प्लेइंग 11 पर सबकी नज़रें हैं, जिसमें अभिषेक शर्मा के साथ शुभमन गिल का ओपनिंग करना तय माना जा रहा है, वहीं संजू सैमसन को जगह मिलेगी या नहीं, इस पर भी काफ़ी चर्चा है। इसके अलावा, लंबे समय बाद टी20 टीम में वापसी कर रहे जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन पर भी सबकी नज़रें रहेंगी।
You may also like
तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में महिलाओं के न होने पर भड़के भारतीय पत्रकार
मीन राशिफल 11 अक्टूबर 2025: प्यार और करियर में मिलेगी बड़ी खुशखबरी!
क्या सच में 6 महीने सोता था कुंभकरण?` इस रिसर्च पेपर ने बदल दी पूरी कहानी… जानिए वो साइंटिफिक प्रूफ्स जो रामायण को सच साबित करते हैं
हम लंबे समय तक बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर बनाना चाहते हैं: साई सुदर्शन
योगी सरकार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर विफल साबित हुई : स्वामी प्रसाद मौर्य