ढाका: बांग्लादेश के शीर्ष ऑलराउंडर शाकिब अल हसन के 21 से 25 अक्टूबर तक ढाका के मीरपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने अंतिम टेस्ट मैच के लिए स्वदेश लौटने की संभावना नहीं है क्योंकि शहर में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। शाकिब को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए बांग्लादेश की टीम में शामिल किया गया था जो इस प्रारूप में उनका अंतिम मैच होने वाला था।
शाकिब ने कहा तय है कि स्वदेश नहीं लौटूंगा
शाकिब ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैं आगे कहां जाऊंगा लेकिन यह लगभग तय है कि मैं स्वदेश नहीं जाऊंगा।' शाकिब अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के कारण बांग्लादेश लौटने को लेकर आशंकित थे। स्टार क्रिकेटर होने के अलावा शाकिब पूर्व सांसद भी हैं जिन्हें अगस्त में एक क्रांति के बाद हटा दिया गया था।
कानपुर टेस्ट से पहले किया था संन्यास का ऐलान
सैंतीस वर्षीय शाकिब ने पिछले महीने कानपुर में भारत के खिलाफ टेस्ट मैच के शुरू होने से ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी लेकिन कहा था कि वह घर पर एक आखिरी टेस्ट श्रृंखला खेलना चाहते हैं जिसके बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों के लिए टीम में शामिल किया गया। वह देश में अशांति के दौरान कथित हत्या के लिए एफआईआर में नामित 147 लोगों में से एक थे।
सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद हुआ था चयन
बुधवार को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के चयनकर्ता हन्नान सरकार ने टीम की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने अधिकारियों से ‘हरी झंडी’ मिलने के बाद शाकिब का चयन किया। अगर शाकिब पहले टेस्ट के लिए स्वदेश वापस नहीं लौटते हैं तो कानपुर टेस्ट ही उनके करियर का आखिरी टेस्ट साबित होगा।
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