फिट रहने के लिए अमूमन लोग वॉकिंग और जॉगिंग का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर चलना भी सेहत के लिए फायदेमंद है. ये एक बेहद आसान और फ्री तरीका है सेहत को सुधारने का. रोजाना नंगे पैर चलने को अंग्रेजी में barefoot Walking कहा जाता है. डायबिटीज के मरीजों को तो घास पर नंगे पैर चलने की सलाह दी जाती है.
कई रिसर्च में भी बताया गया है कि अगर आप हर दिन केवल 30 मिनट नंगे पैर घास या जमीन पर चलें, तो इससे न केवल आपकी फिजिकल हेल्थ में सुधार होता है, बल्कि मानसिक तनाव भी काफी हद तक कम हो जाता है. तो चलिए जानते हैं कि रोजाना 30 मिनट नंगे पैर चलने से शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं और इससे क्या फायदे मिलते हैं.
क्या कहती है रिसर्च ?नंगे पैर जमीन पर चलने को ग्राउंडिंग या अर्थिंग कहते हैं, जो सेहत को कई तरह के लाभ पहुंचाती है. जर्नल ऑफ इंफ्लामेशन में छपी एक रिपॉर्ट के मुताबिक, रोजाना जमीन पर नंगे पैर चलने से शरीर में मौजूद इंफ्लामेशन कम होती है. एक रिपॉर्ट में बताया गया है कि, जब शरीर धरती के संपर्क में आता है तो धरती से मिलने वाले इलेक्ट्रॉन्स शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं, जो सेल डैमेज और इंफ्लामेटरी रिएक्शन को कम करने में सहायक होते हैं.
नींद और मूड बेहतर होता है: नंगे पैर चलने से जब शरीर धरती के संपर्क में आता है तो इससे निकलने वाली ऊर्जा (Earths natural electrons) मेलाटोनिन ( नींद कंट्रोल करने वाला हार्मोन) और सिरोटोनिन ( मूड को स्थिर रखने वाला हार्मोन) का बैलेंस बना रहता है. अगर आप रोजाना 30 मिनट नंगे पैर चलते हैं इससे दिमाग शांत रहते हैं, जो नींद की क्वालिटी बेहतर बनाता है और मूड भी अच्छा रहता है.
एंग्जायटी और स्ट्रेस करे कम: रोजाना नंगे पैर चलने से मेंटल हेल्थ को सुधारने में मदद मिलती है. जब आप नंगे पैर चलते हैं तो शरीर में जमा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चार्ज डिस्चार्ज होता है और इससे कॉर्टिसोल लेवल (Stress Hormone) घटता है.
फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाए: जूते पहनने से हमारे पैर हमेशा एक ही तरीके से मूव करते हैं, लेकिन नंगे पैर चलने पर पैर की मांसपेशियां, लिगामेंट्स और एंकल की मूवमेंट बेहतर होती है. इससे शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है और जॉइंट पेन, अकड़न, व मांसपेशियों की जकड़न से राहत मिलती है.
ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट हेल्थ में सुधार: पैरों की त्वचा जब जमीन से सीधे संपर्क में आती है, तो ब्लड फ्लो बेहतर होता है. इससे दिल को पंपिंग में आसानी होती है. हाई या लो ब्लड प्रेशर की दिक्कतों में संतुलन आता है और पैरों की नसों में ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर होता है.
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