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क्या सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में खतरनाक श्रेणी के उद्योग और आवासीय कॉलोनियां हैं- हाईकोर्ट

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जयपुर, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक इलाके में स्थित आईओसीएल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के जुडे मामले में मुख्य सचिव से शपथ पत्र पेश करने को कहा है। अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा है कि क्या इस औद्योगिक क्षेत्र में जेडीए और नगर निगम ने रिहायशी कॉलोनियां विकसित की हैं। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश टांक की जनहित याचिका पर दिए। अदालत ने रीको से बताने को कहा है कि औद्योगिक क्षेत्र में ऐसे अन्य प्रतिष्ठान या उद्योग संचालित है, जो खतरनाक गतिविधियों के दायरे में आते हैं। वहीं अदालत ने आईओसीएल गैस बॉटलिंग प्लांट के समीप चल रहे औद्योगिक, वाणिज्यिक, शैक्षणिक और अन्य गतिविधियों की जानकारी भी पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान अदालती आदेश के पालना में आईओसीएल की ओर से सीनियर एडवोकेट सुधीर गुप्ता ने अदालत को बताया कि कंपनी का इस प्लांट को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है। जिस पर खंडपीठ ने कहा कि यह सत्यापित किया जाए कि मौजूदा जगह पर आईओसीएल का यह डिपो सुरक्षा व पेट्रोलियम कानूनों की अवहेलना तो नहीं कर रहा।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि साल 2009 में आईओसीएल के फ्यूल ऑयल स्टोरेज प्लांट में सात दिन तक लगी आग में 12 लोगों की मौत हुई थी। राज्य सरकार की जांच कमेटी ने 2011 की रिपोर्ट में माना था कि आईओसीएल के सीतापुरा स्थित घरेलू गैस के बॉटलिंग प्लांट को जगतपुरा व सीतापुरा में आबादी विस्तार को देखते हुए शहर से बाहर भेजना चाहिए। इस प्लांट में जामनगर लूणी गैस पाइप लाइन से एलपीजी उच्च दबाव पर सप्लाई होती है, जो सामने के रीको औद्योगिक क्षेत्र के नीचे से आती है। इसके ऊपर ही कई बडे अस्पताल, कॉलेज और फार्मेसी कौंसिल सहित अनेक शैक्षणिक संस्थान बन गए हैं। इसलिए बॉटलिंग प्लांट को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाए।

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(Udaipur Kiran)

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