गुवाहाटी, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को पूरे असम में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाकर 1947 में भारत विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों, विस्थापित हुए लोगों और बिछड़ गए परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
दक्षिण कामरूप जिले में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा असम प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2021 के ऐलान के अनुसार, 14 अगस्त को अब विभाजन के पीड़ितों की स्मृति को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा, “यह कोई राजनीतिक कदम नहीं बल्कि उन लोगों के साथ खड़े होने का नैतिक कर्तव्य है, जिन्हें इतिहास ने भुला दिया। यह एक ऐतिहासिक भूल को सुधारने की दिशा में कदम है।”
सैकिया ने बताया कि विभाजन के समय 1.5 करोड़ से अधिक लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए, जबकि 15 से 20 लाख लोगों की जान साम्प्रदायिक हिंसा, नरसंहार और लक्षित अत्याचारों में चली गई। हजारों महिलाओं का अपहरण, बलात्कार और जबरन धर्मांतरण हुआ, जिनमें से कई अपने परिवारों से कभी नहीं मिल सकीं। उन्होंने अफसोस जताया कि दशकों तक इन पीड़ाओं को आधिकारिक इतिहास में जगह नहीं मिली।
तिनसुकिया में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और शिवसागर में केंद्रीय राज्य मंत्री पबित्र मार्घेरिटा ने कार्यक्रम में भाग लिया। राज्य के विभिन्न जिलों में भाजपा नेताओं, मंत्रियों और विधायकों ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिनमें मानव डेका (लखीमपुर), भुवन पेगू (धेमाजी), हितेंद्र नाथ गोस्वामी (जोरहाट) और पद्म हज़ारिका (बिस्वनाथ) शामिल थे।
सैकिया ने कहा कि जलियांवाला बाग जैसी अन्य राष्ट्रीय त्रासदियों की तरह विभाजन के पीड़ितों को अब तक औपचारिक सम्मान नहीं मिला था। उन्होंने कहा, “यह स्मृति दिवस उनकी यादों को संस्थागत रूप देता है और सुनिश्चित करता है कि उन्हें कभी भुलाया न जाए।”
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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