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आसाराम ने शुरू की अक्षयधन मुद्रा योजना

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जोधपुर, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । तीन महीने की अंतरिम जमानत पर इलाज कराने के लिए जेल से बाहर आए दुष्कर्म के आरोपी आसाराम ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने भक्तों के लिए अक्षय धन मुद्रा योजना की शुरुआत की है। गुरुवार शाम आसाराम के आश्रम वालों ने भक्तों के वॉट्सऐप ग्रुप में एक पोस्टर शेयर करते हुए यह जानकारी साझा की है। इस पोस्टर में दाहिनी तरफ आसाराम की कुछ साल पुरानी तस्वीर लगी है जबकि बाईं तरफ 200-200 रुपये के नोटों की 2 गड्डियां दर्शाई गई हैं।

पोस्टर में लिखा है- आसाराम द्वारा स्पर्श व संकल्पित धन मुद्रा, आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए रामबाण उपाय है। ऋषि प्रसाद के 100 सदस्य अथवा ऋषि दर्शन के 50 सदस्य बनने वाले भक्तों को 200 की धन मुद्रा प्रसाद के रूप में प्रदान की जाएगी। इससे आपकी हर चिंता दूर हो जाएगी, सभी मनोकामना पूरी हो जाएगी। ऋषि प्रसाद के संबंध में जब आसाराम के आश्रम वालों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले मेंबरशिप लेनी पड़ेगी। एक साल की मेंबरशिप फीस 75 रुपए और दो साल की फीस 140 रुपए है। मेंबर बनने के बाद आपके पास हर महीने लाइजिन आएगी। यह योजना सिर्फ साधकों और दीक्षा ले चुके भक्तों के लिए ही है।

नई दिल्ली में है आसाराम

उल्लेखनीय है कि इस वक्त आसाराम दिल्ली में है और कुछ दिन बाद वहां से वो अहमदाबाद जाने वाला है। गुरुवार शाम ही आसाराम को गुजरात हाई कोर्ट से एक महीने का आखिरी बेल एक्सटेंशन मिला है। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी 9 जुलाई तक आसाराम को सरेंडर करने से छूट दी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि जोधपुर हाईकोर्ट से भी उसे जमानत अवधि बढ़ाए जाने की राहत मिल सकती है। अदालत में पेश मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, यौन उत्पीडऩ के दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को प्रोस्टेट संबंधी समस्या है और उसके दिल की दो धमनियों में 90 फीसदी ब्लॉकेज है। फिलहाल आसाराम का आयुर्वेदिक और प्राकृतिक मेडिकल ट्रीटमेंट चल रहा है।

इन केस में मिली है सजा

पहले मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर में नाबालिग लडक़ी से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दूसरे मामले में सूरत की एक महिला ने उस पर गुजरात के गांधीनगर आश्रम में उसके साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। इस मामले में भी उसे दोषी ठहराया गया और जनवरी 2023 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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