Prayagraj, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुंदेलखंड क्षेत्र में लापता होते तालाबों व जल श्रोतों को लेकर विशेष सचिव द्वारा दी गई जानकारी संतोषजनक नहीं माना, और कहा जल श्रोतों की पहचान कर सूची देने की मांगी गयी जानकारी नहीं दी गई.
कोर्ट ने कहा अब यह मामला बुंदेलखंड तक सीमित रखने के बजाय पूरे प्रदेश के तालाबों व जल श्रोतों को सुरक्षित करने का है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व उ प्र को निर्देश दिया है कि व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करे और मांगी गई जानकारी दे. जस्टिस अजय भनोट ने यह आदेश दिया है.
कोर्ट ने निर्देश जारी किया है कि-
1- प्रदेश के सभी जल श्रोतों की पहचान की जाय और राजस्व अभिलेखों में सभी विवरण और प्रविष्टियाँ.
2. तालाबों के पारिस्थितिक परिवेश को सुदृढ़ और सुंदर बनाने के लिए उठाए गए कदम, जैसे पेड़, फूल- कलियाँ आदि लगाना और जो भी प्राकृतिक वृक्षारोपण संभव हो, करना.
3. सूख चुके जलाशयों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों की व्यवहार्यता.
4. अतिक्रमण के अधीन जलाशयों, बेदखली की कार्यवाही की स्थिति.
5. अतिक्रमण वाले जलाशय और राज्य प्राधिकारियों द्वारा खाली कराए गए अतिक्रमण.
6. सूखे तालाबों में फेंके गए मलबे और कचरे को हटाना. उन तालाबों की पहचान करना और मलबे की सफाई करना. इस संबंध में उठाए गए कदमों का विवरण.
7. समुदाय की पारिस्थितिक संपत्तियों की रक्षा के अपने कर्तव्यों के प्रति नागरिकों को सचेत करने के लिए व्यापक रूप से लोगों के बीच जागरूकता कार्यक्रम बनाना.
8. उन तालाबों की सूची जो प्राकृतिक हैं और जिनका निर्माण मनरेगा या किसी अन्य सरकारी योजना के तहत किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक तालाबों के निर्माण की व्यवहार्यता.
9. गांवों में पारिस्थितिक संपत्तियों के संरक्षण हेतु सरकारी योजनाओं की सूची भी रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी.
10. सर्वेक्षण करने और उचित सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकारियों को उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम. सर्वेक्षण करने के लिए अधिकारियों का एक नियमित पूल प्रत्येक जिले में बनाए रखा जाएगा.
11. राज्य सरकार नवीनतम तकनीकी उपकरण/मशीनरी प्रदान करने की व्यवहार्यता की भी जाँच करेगी और सर्वेक्षण करने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक विधियों को लागू करेगी ताकि 100% सटीकता सुनिश्चित हो सके.
12. तालाबों के संरक्षण के उठाए गए अन्य कदम. याचिका की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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