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शिव भाव के भूखें : कथा वाचक प्रदीप मिश्रा

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जयपुर, 5 मई . विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा के पांचवें दिन भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. सोमवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारें लग गई और सभी भक्तों ने पांडाल के अंदर जाकर कथा सुनने का इंतजार किया.

प्रसिद्ध कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव किसी विशेष पूजा या जाप के मोहताज नहीं हैं. वे भाव के भूखे होते हैं और जैसी भावना से उन्हें पुकारा जाए, वो वैसा ही स्वीकार करते हैं. उन्होंने बताया कि आजकल के बच्चे मंदिर नहीं जाते लेकिन अमरनाथ, केदारनाथ जाने की बातें करते हैं. शुरुआत घर के पास बने मंदिरों से करनी चाहिए. जब तक मन में भाव नहीं होगा, तीर्थ भी केवल यात्रा बनकर रह जाएंगे.

पति को नारायण और पत्नी को लक्ष्मी बनकर रहना चाहिए

प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिवजी का परिवार कभी अलग नहीं हुआ. उन्होंने न पत्नी को छोड़ा, न बच्चों को, न अपना घर. हमसे भी यही अपेक्षा है कि परिवार को साथ रखकर साधना करें. व्यासपीठ कभी यह नहीं कहती कि घर-परिवार छोड़कर चले जाओ.उन्होंने कहा कि पति अगर नारायण बनकर रहेगा तो पत्नी लक्ष्मी बनकर साथ निभाएगी. गुस्सा बाहर छोड़ो, घर में प्रेम से रहो. शिवजी ने अपने सिर पर गंगा को धारण किया ताकि मन शांत रहे. आज की भागदौड़ में शिव से यही सीख लेनी चाहिए. उन्होने कहा कि हमारी आदत है कि दुख आने पर ही भगवान को याद करते हैं. जैसे कोरोना आया तो वैक्सीन लगवाई, वैसे ही दुखों से पहले शिव का नाम लेना शुरू कर दो. तब तकलीफ आएगी ही नहीं. उन्होंने बताया कि रिश्तों में जब शंका आती है, तब दूरियां बढ़ती हैं. आज पति-पत्नी या परिवार में अगर शंका आ जाए तो संबंध टूटने में देर नहीं लगती. शंका से पहले विश्वास जरूरी है.

गली मोहल्ले में हो रहे धार्मिक अनुष्ठानों में करो सहयोग

प्रदीप मिश्रा ने कहा, अगर किसी मोहल्ले या नगर में यज्ञ, हवन या कोई धार्मिक कार्य हो रहा हो तो उसमें सहयोग करो, व्यवधान मत डालो. चंचला देवी ने अपने पति को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए शिवमहापुराण कथा करवाई. यही नारी का धर्म होता है. उन्होंने बताया कि अच्छे कर्म का फल हमेशा मिलता है. जो तुम दूसरों को दोगे, वही लौटकर तुम्हारे पास आएगा. सम्मान दोगे, तो सम्मान मिलेगा.

पुलिस ने जब्त किए फर्जी कार्ड और पास

विद्याधर नगर आयोजन समिति के संयोजक राजन शर्मा एवं सचिव अनिल संत ने बताया कि रविवार से कथा स्थल पर बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने और व्यवस्थाएं सही करने के लिए आयोजकों और पुलिस को एंट्री पास सिस्टम लागू करना पड़ा. लेकिन कथा को लेकर लोगों में इतनी उत्सुकता रही कि कुछ लोगों ने फर्जी पास छपवाकर बांट दिए. ऐसे लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए गेट पर आने वाले पास धारकों की जांच शुरू कर दी गई है. पांचवे दिन की कथा के समापन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रमुख निंबाराम एवं विधायक बालमुकुंदाचार्य आरती में शामिल हुए.

अन्नपूर्णा भोजनशाला में हजारों श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो रही भोजन प्रसादी

आयोजकों की ओर से कथा स्थल के पास ही विशाल भोजनशाला की व्यवस्था की गई है. भोजनशाला की व्यवस्था संभालने वाले दीपक गर्ग ने बताया की यहां तीन बड़े-बड़े डोम में प्रतिदिन 60 से 70 हजार लोगों के भोजन प्रसादी की व्यवस्था की जा रही है. इस व्यवस्था में 250 हलवाई 50 से अधिक लकड़ी की भटि्टयों पर भोजन तैयार कर रहे है. भोजनशाला की देखरेख में प्रहलाद दादिया, प्रभु नारायण अग्रवाल, अजय करीरी, राधेश्याम अग्रवाल, महेश शर्मा, नरेश गुर्जर, बनवारी खटोड, महावीर अग्रवाल एवं सूरज सैनी सहित 1000 वॉलंटियर्स दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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