-कूनो में चीतों की संख्या बढ़कर 29 और मप्र में 31 हुई
भोपाल, 27 अप्रैल . केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए चीतों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. कूनों से एक बार फिर खुशखबरी आई है. यहां पांच वर्षीय मादा चीता नीरवा ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार की रात सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी साझा की है. इसके साथ ही प्रदेश में चीतों की संख्या बढ़कर 31 हो गई. इनमें से दो चीते हाल ही में मंदसौर जिले के गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़े गए हैं, जबकि इन पांच नए शावकों को मिलाकर कूनों में फिलहाल 29 चीते हो गए हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार की रात सोशल मीडिया एक्स पर मादा चीता नीरवा के शावकों का एक वीडियो शेयर किया है, साथ ही उन्होंने लिखा कि कूनो में नए मेहमानों का स्वागत है… अत्यंत प्रसन्नता है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है. हाल ही में पांच वर्षीय नीरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है. इन नन्हे शावकों का आगमन चीता प्रोजेक्ट की सफलता और भारत की समृद्ध जैव-विविधता का प्रतीक है.
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वन्यजीव संरक्षण के लिए बनाया गया अनुकूल वातावरण आज समृद्ध हो रहा है. कूनो नेशनल पार्क की पूरी टीम, वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षण में जुटे हर कर्मठ साथी को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी एक्स पर इस खबर को साझा किया.
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता नीरवा दूसरी बार मां बनी है. इससे पहले 25 नवंबर 2024 को नीरवा ने पहली बार चार शावकों को जन्म दिया था. जिसमें से दो शावकों की दो दिन बाद यानी 27 नवंबर 2024 को मौत हो गई थी. अब नीरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है. मादा चीता नीरवा को 2022 में दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था. मई 2023 में इसे पहली बार खुले जंगल में छोड़ा गया था. इसके पहले नीरवा को बाड़े में ही दूसरे चीतों के साथ रखा गया था. नीरवा द्वारा लगातार दो बार शावकों के जन्म दिए जाने के बाद से देश के “चीता प्रोजेक्ट” को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि गत दिनों कूनो से दो चीते मंदसौर के गांधीसागर में छोड़े गए थे. इसके बाद कूनों में इनकी संख्या घटकर 24 हो गई थी. अब पांच शावकों के जन्म के बाद चीतों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है.
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तोमर
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