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डीएफओ को अपमानित करने के मामले में विधायक ने दी सफाई, बोले – अगर किसी को ठेस पहुंची हो तो मुझे अफसोस है

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दुर्गापुर, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने के मामले में अब तृणमूल विधायक नरेन्द्रनाथ चक्रवर्ती ने सफाई दी है। वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी, जिसके बाद रविवार को विधायक ने अपना रुख नरम किया।

रविवार को विधायक ने कहा, “अगर मेरे व्यवहार से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं दिल से माफ़ी चाहता हूं। लेकिन आदिवासियों की ज़मीन की माप किए बिना जो जंगल तैयार किया जा रहा है, वह गलत है। उन्हें उजाड़ने की कोशिश की जा रही है और मैं उसके खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।”

गौरतलब है कि 15 अगस्त को दुर्गापुर-फरीदपुर ब्लॉक के बांशगढ़ जंगल में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें जिलाधिकारी, एसडीओ और प्रदेश के पंचायती राज मंत्री प्रदीप मजूमदार मौजूद थे। इसी दौरान विधायक ने डीएफओ अनुपम खान को मंच पर ही फटकार लगाई और पूछा कि उनसे सलाह लिए बिना यह फैसला कैसे किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें चुनाव में हराने की साजिश रची जा रही है।

बाद में विधायक ने कार्यक्रम में कहा कि बांशगढ़ और हेटेडोबा इलाके की जमीन पर खनन कार्य से करीब 12 हजार आदिवासी मजदूर जुड़े हैं। बिना उनकी राय लिए वृक्षारोपण योजना बनाना उचित नहीं है।

इधर वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी ने घटना की निंदा की। विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल विधायक अफसरों को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं और प्रशासन के सामने उनका अपमान करते हैं।

डीएफओ अनुपम खान ने कहा कि सभी नियमों का पालन करते हुए वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है और स्थानीय आदिवासी समुदाय से बातचीत के बाद ही महुआ के पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विधायक को इस संबंध में सूचना दी गई थी।

विपक्ष ने इस पूरे मामले की जांच और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

(Udaipur Kiran) / अनिता राय

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