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त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे गौरी शंकर अवस्थी : असीम अरुण

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कानपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । गौरी शंकर अवस्थी त्याग, तपस्या और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने जीवन भर सिद्धांतों और ईमानदारी की राजनीति की और जनता के हितों के लिए सदैव संघर्ष करते रहे। आपातकाल में बिना किसी से डरे लोकतंत्र के ध्वज वाहकों में एक थे। यह बातें शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कही।

माथुर वैश्य जनहित भवन देव नगर में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लोकतंत्र सेनानी स्वर्गीय गौरी शंकर अवस्थी की 27वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। स्व अवस्थी के पुत्र अनूप अवस्थी भी युवाओं का आज नेतृत्व कर रहे हैं। भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा गौरी शंकर अवस्थी जैसा नेता बिरले ही होता है, जिन्होंने कानपुर में ईमानदारी और निष्पक्षता की मिसाल कायम की। उनका राजनीतिक जीवन बेदाग और प्रेरणादायी रहा।

सांसद रमेश अवस्थी ने कहा गौरी शंकर अवस्थी जी न केवल लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे बल्कि वे हलीम मुस्लिम पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के प्रथम हिंदू छात्रसंघ अध्यक्ष भी बने। जिससे उनके सामाजिक समरसता और नेतृत्व क्षमता का परिचय मिलता है।

महापौर प्रमिला पांडेय ने भावुक स्वर में कहा आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने बड़े भाई जैसे गौरी शंकर अवस्थी जी के आशीर्वाद व प्रेरणा से हूं। उन्होंने मेरे जीवन को दिशा दी।

श्रद्धांजलि सभा में भाजपा जिला अध्यक्ष शिवराम सिंह, उत्तर जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित, ग्रामीण जिला अध्यक्ष उपेंद्र पासवान, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह, महिला आयोग की सदस्य पूनम द्विवेदी, दीपू पांडेय अन्नू अवस्थी हेमंत पांडे गौरव पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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