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बच्चों ने किया 'अकल बड़ी या शेर' नाटक का मंचन

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नैनीताल, 30 जून (Udaipur Kiran) । युगमंच एवं शारदा संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक माह की बाल नाट्य कार्यशाला के समापन अवसर पर बाल कलाकारों ने “अकल बड़ी या शेर” नाटक की प्रभावशाली प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीआरएसटी इंटर कॉलेज के जगदीश साह प्रेक्षागृह में मंचित इस हास्य व बौद्धिक संदेश से भरपूर नाटक ने सभी को खूब गुदगुदाया।

खासकर नाटक में जब एक शेर ने बंदर से पिंजरे से छुड़ाने का आग्रह करते हुए उसे न खाने का वादा किया और दिल की बीमारी का हवाला देकर कहा कि चिकित्सक ने मना किया है, तब बंदर ने चुटीले अंदाज में कहा, ‘भला हो डॉ. दुग्ताल साहब का’ इस पर दर्शक हँसी से लोटपोट हो गये। उल्लेखनीय है कि डॉ. दुग्ताल बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजीशियन हैं।

कार्यशाला का निर्देशन अनिल कुमार ने किया, जबकि ललित मोहन थपलियाल द्वारा लिखित इस नाटक के गीत हेमंत बिष्ट ने और मूल संगीत स्व जगमोहन जोशी ‘मंटू’ का प्रयोग किया गया। संगीत निर्देशन में नवीन बेगाना, प्रभात गंगोला, संजय कुमार और सहायक निर्देशक मनोज कुमार ने और कोरस में अवर्णिका जोशी तथा संचालन में हेमंत बिष्ट ने योगदान दिया।

जहूर आलम, मिथिलेश पांडे, भास्कर बिष्ट, मानी बंगारी, मदन मेहरा, कौशल साह जगाती, डॉ हिमांशु पांडे, रफत आलम, नीरज डालाकोटी, अदिति खुराना आदि का भी सहयोग रहा। विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी के निदेशक भगवती प्रसाद पांडे, पद्मश्री अनूप साह, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता आलोक साह सहित कई गणमान्यजनों ने भी नाट्य प्रस्तुतीकरण में उपस्थित रहकर बाल कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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