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अघोषित विद्युत कटौती से परेशान जनता आधी रात सड़क पर उतरी

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घंटों जाम रहा बीकेडी चौराहा,कोई कपड़े डालकर लेट गया तो कोई बैठकर जता रहा था विरोध

अधिकारियों के छूटे पसीने,पुलिस से भी हुई बहस,4 घंटे बाद खुला जाम

झांसी, 18 मई . महानगर में बिजली कटौती से हाहाकार मचा है. रात के 10 बजते ही महानगर के तमाम मोहल्ले अंधकार में डूब जाते हैं. इसके इतर विद्युत विभाग के अधिकारी फोन तक उठाना गवारा नहीं समझते. बिजली की अनियमित कटौती से त्रस्त जनता शनिवार/रविवार की आधी रात के बाद सड़क पर उतर आई. देर रात करीब 12 बजे बीकेडी चौराहे पर लोगों ने जाम लगा दिया. गोद में बच्चों को लिए महिलाएं सड़क पर बैठ गई. तो कोई कपड़े सड़क पर बिछाकर साथ में दवाइयां रख सड़क पर लेट गया और साथी हाथ के पंखे से हवा करते नजर आए. इससे 2 किमी तक जाम लग गया. जनता का आक्रोश देख अधिकारियों की सांसें फूल गई. विद्युत सप्लाई शुरू करने के आश्वासन के बाद जाम खोला गया.

बीकेडी के आसपास रहने वाले लोगों का आरोप था कि पिछले एक सप्ताह से बिजली रात में कभी भी गुल हो जाती है. अधिकारियों को कई बार फोन लगाने पर या तो फोन उठता नहीं है यदि धोखे से फोन उठ जाए तो एक ही उत्तर होता है कि लाइन में फाल्ट आया है. समझ से परे है कि जब हाल ही में मुन्नालाल पॉवर हाउस को अपग्रेड किया गया है तो फिर फाल्ट कहां से आ रहे हैं. वहीं महिलाओं का कहना था कि बिजली विभाग का एक भी अधिकारी बीते 1 घंटे से यहां आने को तैयार नहीं हैं. जब कोई बिल न भरे तो यही लोग बिजली का कनेक्शन कटवाने में देर नहीं करते. लेकिन, अब जब उपभोक्ता परेशान हैं तो कोई सुनने नहीं आ रहा.

4 घंटे तक चली समझाइश

सूचना मिलते ही कोतवाली और सीपरी बाजार थाने की पुलिस पहुंच गई. यहां लोगों को जाम खोलने के लिए कहा गया तो वह बिजली विभाग के अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे. इस पर उनकी पुलिस से भी बहस हो गई. सीओ सिटी स्नेहा तिवारी ने 4 घंटे बाद लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया. तब कहीं जाम खोला गया.

सदर विधायक ने लिखा पत्र,कांग्रेस ने किया घेराव

गौरतलब है कि इससे पहले दिन में भाजपा सदर विधायक रवि शर्मा ने ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि ‘महानगर की बिजली व्यवस्था पटरी से उतर गई है. ध्यान नहीं दिया तो जनता सड़क पर उतर सकती है. जबकि कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ मुख्य अभियंता का 7 घंटे तक घेराव कर विद्युत आपूर्ति नियमित करने की मांग उठाई थी. बाबजूद इसके देर रात महानगर के कई मोहल्लों की बिजली गुल हो गई. और जनता सड़कों पर आ गई.

/ महेश पटैरिया

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