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हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त काे

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नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के मामले में भगोड़ा घोषित करार दिए गए हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मामले में आरोपिताें के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दिया है। स्पेशल जज सुशांत चंगोट्रा ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को करने का आदेश दिया।

साेमवार काे सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एनके माटा ने कहा कि इस मामले के आरोपित सुमित चड्ढा ने अपने खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट को निरस्त करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हाई कोर्ट में इस अर्जी पर 28 जुलाई को सुनवाई होने वाली है। ईडी ने कहा कि सुमित चड्ढा इस मामले में जांच में कभी शामिल नहीं हुआ और जांच अभी जारी है। ईडी ने इस मामले में आरोप तय करने पर सुनवाई टालने की मांग की।

सुनवाई के दौरान एक आरोपित अनिरुद्ध वाधवा के वकील ने कहा कि इस कोर्ट ने ईडी को दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया था लेकिन ईडी ने उस आदेश का पालन नहीं किया और हाई कोर्ट में आदेश को चुनौती दी। हाई कोर्ट में याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि बिना दस्तावेजों के वो आरोप तय करने पर सुनवाई कैसे कर सकते हैं। उसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को करने का आदेश दिया।

12 जुलाई को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित करार दिए गए हथियार डीलर संजय भंडारी को कानूनी विकल्प आजमाने के लिए 2 अगस्त तक का समय दिया था। 5 जुलाई को कोर्ट ने संजय भंडारी को मनी लाउंड्रिंग के मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया था। ईडी की ओर से कहा गया था कि संजय भंडारी की भारत, दुबई और ब्रिटेन में बेनामी संपत्तियां हैं। दिल्ली के वसंत विहार, पंचशील शॉपिंग कांप्लेक्स और शाहपुर जाट के अलावा नोएडा और गुरुग्राम में भी बेनामी संपत्तियां हैं। इसके अलावा कई बैंक खाते संजय भंडारी की पत्नी के नाम से है। ईडी ने 5 जुलाई को कहा था कि संजय भंडारी के पास 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। ईडी ने कहा था कि संजय भंडारी का भारत में प्रत्यर्पण करने की उसकी मांग को ब्रिटेन की कोर्ट से खारिज करने से कोर्ट की कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत का कानून स्वतंत्र है और यहां की कोर्ट भारतीय कानून से बंधे हुए हैं।

सुनवाई के दौरान संजय भंडारी के वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि आरोपित का लंदन में आवास वैध है और उसका लंदन हाई कोर्ट ने भी समर्थन किया है। लंदन हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में संजय भंडारी की जान को खतरा बताते हुए उसे प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था। मनिंदर सिंह ने कहा था कि ईडी की याचिका अस्पष्ट है उसने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिसंबर 2023 में ईडी की ओर से संजय भंडारी के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। पूरक चार्जशीट में संयुक्त अरब अमीरात के बिजनेसमैन सीसी थम्पी और ब्रिटेन स्थित व्यवसायी सुमित चड्ढा का नाम शामिल किया है। उनमें से संजय भंडारी कथित तौर पर कांग्रेस प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी हैं। ईडी के मुताबिक उसने सुमित चड्ढा और उनकी पत्नी को समन जारी किया था लेकिन दोनों जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। चार्जशीट में कहा गया है कि यूपीए के शासनकाल में भंडारी ने कमीशन लिया और लंदन में संपत्ति खरीदी जिसके लाभार्थी मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के आरोपों को गलत बताया था। इस मामले में पहले ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मनी लाउंड्रिंग मामले में दक्षिण दिल्ली में पंचशील पार्क में पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित संपत्ति को कब्जे में लिया था जो कि एसबी हॉस्पिटेलिटी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया है। ईडी ने 2017 में भंडारी और दूसरे आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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