बलरामपुर, 29 मई . जीप के अंदर जो सवारी बैठे है उनकी स्थिति तो जो है वह है पर चालक कमाई के चक्कर में जान जोखिम में डालकर नियमों की धज्जिया उड़ाते हुए जीप के उपर भी बैठाने से बाज नहीं आ रहे हैं.
कमांडर जीप के छत पर बैठकर यात्रा करने का यह दृश्य झारखंड, बिहार राज्य के शहर या फिर गांव का नहीं है बल्कि प्रशासनिक सुस्ती के कारण रामानुजगंज बस स्टैंड का है. सुबह – सुबह झारखंड राज्य से कनहर पुल के समीप कृषि उपजमंडी, खनिज विभाग, आबकारी विभाग, वन विभाग, आरटीओ के बैरियर से बिना नंबर प्लेट, बिना रोकटोक के बेफिक्र होकर कमांडर जीप में 30 से 35 यात्री बैठकर रामानुजगंज आ गए और शहर होते हुए अंबिकापुर की ओर निकल गए.
यह नजारा एक दिन नहीं बल्कि हमेशा देखने को मिल सकता है. कई दिनों से जिले में यातायात को दुरुस्त करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा वाहनों की चेकिंग की जा रही है फिर भी यह नजारा थम नहीं रहा.
झारखंड राज्य से आने वाले वाहनों को जांच करने में पुलिस सहित अन्य विभाग के लोग दिन रात व्यस्त देखे जाते है. कहीं न कहीं इनके अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही है जिसके कारण शहर में ओवरलोड वाहन देखे जाते हैं. कमांडर जीप और पिकअप वाहन में जानवरों की तरह ठूस-ठूंससकर यात्रियों को बैठाकर खुलेआम संचालित होती है. यह आरोप है कि, जांच में जुटी प्रशासनिक अमला के लोग अवैध वसूली भी करते रहते है.
इस मामले में पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर रमनलाल ने बताया कि, छत्तीसगढ़ की जो पहचान बनी है, वह कायम रहेगा. लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी. मेरे द्वारा थाना प्रभारी को निर्देशित किया जा रहा है झारखंड जैसा माहौल नहीं बनने देंगे. सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
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कमांडर जीप वाहन के उपर बैठे यात्री
/ विष्णु पांडेय
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