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भारत की लाइफ लाइन गंगा के लिए प्रत्येक नागरिक को बनना पड़ेगा संवेदनशील : प्रो.विश्वम्भर

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वाराणसी,26 अक्टूबर . श्री संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि भारत देश की लाइफ लाइन मां गंगा है. इनके लिए देश के हर नागरिक को संवेदनशील बनना पड़ेगा, तभी मां गंगा प्रदूषण मुक्त होगी.

प्रो. मिश्र शनिवार को गंगा रिवर वॉच प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे. तुलसीघाट पर संकट मोचन फाउंडेशन, ग्रीन ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त बैनर तले व ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में प्रो. मिश्र ने कहा कि देश की जीवनदायनी मां गंगा में लाखों लीटर मलजल रोज प्रवाहित हो रहा है. जिसके कारण आज वह प्रदूषण से कराह रही है. गंगा ही नहीं गंगा के आसपास के क्षेत्र के कुंड, तालाब, भूमिगत जल भी तेजी से प्रदूषित हो रहे हैं. आज जरूरत है जल को प्रदूषित होने से बचाने की. कार्यशाला में आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रोफेसर एस. एन. उपाध्याय ने जल गुणवत्ता मानकों के बारे में विस्तार से समझाया. कार्यशाला में ग्रीन संस्था की सू लेनाक्स ने स्लाइड के माध्यम से प्रतिभागियों को विभिन्न परीक्षणों के बारे में विस्तार से बताया. प्रतिभागियों को जल गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न परीक्षण कर दिखाया गया.

कार्यशाला में प्रतिभागियों को 06 समूह में बांटा गया और प्रत्येक समूह को जल परीक्षण करने के उपकरण प्रदान किए गए. यह समूह प्रत्येक महीने अपने क्षेत्र में गंगा, तालाबों व भूमिग्स्त जल का परीक्षण कर उसकी गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त करेंगे. गंगा रिवर वॉच प्रशिक्षण कार्यशाला एक वर्ष तक अनवरत चलता रहेगा. इस दौरान गंगा, कुंड ,तालाब, भूमिगत जलों का परीक्षण होगा. कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागी दूसरे को प्रशिक्षित भी करेंगे. कार्यशाला में टिकरी, रामनगर, नगवा पुष्कर तालाब, रघुनाथ तथा बलिया से छात्र, सामाजिक संस्थाएं से जुड़े लोग शामिल हुए.

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/ श्रीधर त्रिपाठी

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