प्रयागराज, 26 अप्रैल . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि किसी को परेशान करने के लिए सेवा मामले में बाहरी व्यक्ति को जो पीड़ित पक्ष नहीं है, दुर्भाग्यवश याचिका करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने इसी के साथ 50 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी.
कोर्ट ने कहा कि न्यायालय खेल का कोई मैदान नहीं है, जिसका इस्तेमाल किसी को परेशान करने के लिए नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने 50 हजार रूपए हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने जिलाधिकारी बुलंदशहर को याची से हर्जाना राशि दो माह में वसूल कर सीजेएम को रिपोर्ट करने और सीजेएम को हाईकोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मदनलाल शर्मा की याचिका पर दिया है. विपक्षी कृष्ण कुमार गर्ग नगर पालिका परिषद गुलौटी का दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और याची सामाजिक कार्यकर्ता है. परिषद के अधिवक्ता का कहना था कि नियुक्ति नियमानुसार की गई है. याची पीड़ित पक्ष नहीं है और न ही नियुक्ति प्राधिकारी. विपक्षी की नियुक्ति को चुनौती दी है, जिसका उसे विधिक अधिकार नहीं है. याचिका ब्लैकमेल करने का माध्यम नहीं बन सकती.
कोर्ट सेवा मामले में प्रतिकूल याचिका करने की अनुमति नहीं देती. याची बाहरी व्यक्ति को नियुक्ति को चुनौती देने का विधिक अधिकार नहीं है. यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है.केवल परेशान करने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण याचिका की गई है.
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/ रामानंद पांडे
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