नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने सोमवार को कहा कि भारत न सिर्फ वैश्विक अर्थव्यस्था में अपनी स्थित मजबूत कर रहा है, बल्कि उसे नया स्वरूप देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
डॉ. विरमानी ने नई दिल्ली में वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए ट्रेड वॉच क्वार्टरली प्रकाशन का तीसरा संस्करण जारी करने के अवसर पर यह बात कही। डॉ. विरमानी ने अपने संबोधन में नवीनतम व्यापार गतिशीलता को गहन विश्लेषणात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत करने वाले एक व्यापक व्यापार प्रकाशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए ट्रेड वॉच क्वार्टरली का नवीनतम संस्करण जारी करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की उभरती हुई व्यापार भागीदारी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, नवाचार और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के रणनीतिक प्रयासों द्वारा संचालित अर्थव्यवस्था की गहन प्रगति को दर्शाती है, जो अमेरिकी व्यापार नीति में हाल के बदलावों के अनुरूप है।
डॉ. विरमानी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ऐसे समय में जब भू-राजनीतिक बदलावों, तकनीकी परिवर्तन और नीतिगत अनिश्चितता के कारण वैश्विक व्यापार का स्वरूप बदल रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्करण नीति निर्माताओं, उद्योग और शिक्षा जगत के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है। यह समग्र व्यापार सुगमता को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में मज़बूत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दूरदर्शी सुझाव प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि ट्रेड वॉच क्वार्टरली का नवीनतम संस्करण भारत के व्यापारिक और सेवा व्यापार का समय पर और डेटा-समृद्ध विश्लेषण प्रदान करता है। इसके साथ ही विकसित हो रही अमेरिकी व्यापार नीतियों और भारत के लिए उनके निहितार्थों की गहन पड़ताल करता है। इस तिमाही के लिए भारत की व्यापार स्थिति का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करने के अलावा इस संस्करण का विषयगत खंड अमेरिकी टैरिफ संरचनाओं में हालिया बदलावों पर केंद्रित है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के पुनर्गठन और भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता पर इसके प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
नीति आयोग ने एक बयान में कहा कि उभरती अमेरिकी व्यापार नीति, विशेष रूप से अप्रैल 2025 से लागू नई टैरिफ व्यवस्था पर विषयगत ध्यान केंद्रित करते हुए यह रिपोर्ट HS-2 और HS-4 स्तरों पर भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता का विश्लेषण करती है, जो अमेरिका में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रमुख अवसरों की पहचान करती है। यह नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और शोधकर्ताओं को उभरते वैश्विक व्यापार पुनर्गठन के लिए त्वरित और सूचित प्रतिक्रियाएं तैयार करने में सहायता के लिए डेटा-आधारित अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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