लंदन, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । ब्रिटेन की राजधानी लंदन में चल रही अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की परिषद के 134वें सत्र में भारत ने समुद्री सुरक्षा और लैंगिक समावेशिता जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। भारत के पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टीके रामचंद्रन के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस अहम बैठक में हिस्सा लिया और कई जरूरी पहलुओं पर ध्यान आकर्षित किया।
सत्र के पहले दिन भारत ने हाल ही में भारतीय जलक्षेत्र में विदेशी ध्वज वाले कंटेनर जहाजों से जुड़ी समुद्री घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई। इन घटनाओं में अघोषित खतरनाक सामान और जहाजों की संरचनात्मक कमजोरियों के चलते सुरक्षा संबंधी समस्याएं सामने आई हैं। भारत ने आईएमओ से मांग की कि इन घटनाओं की गहराई से जांच की जाए और कंटेनर शिपिंग के सुरक्षा ढांचे में जल्द सुधार किए जाएं। साथ ही लिथियम-आयन बैटरियों और अन्य खतरनाक माल की पैकेजिंग, घोषणा और निगरानी के लिए सख्त अंतरराष्ट्रीय नियम बनाने पर जोर दिया।
इस मौके पर भारत ने समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया। भारत ने आईएमओ से अपील की कि वह इस तरह की घटनाओं की गहन वैश्विक समीक्षा शुरू करे ताकि भविष्य में समुद्री सुरक्षा को और बेहतर किया जा सके। इसके साथ ही भारत ने लैंगिक समानता को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता जताई।
आईएमओ की लैंगिक समावेशन रणनीति के तहत भारत ने ‘सागर में सम्मान’ नामक अपनी राष्ट्रीय पहल का ज़िक्र किया, जिसे 25 नवंबर 2024 को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में महिलाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं, बल्कि नेतृत्व की भूमिकाओं में भी अवसर देना है। भारत ने गर्व के साथ बताया कि देश में महिला नाविकों की संख्या में 650 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह आईएमओ के समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक समुद्री समुदाय के समावेशी विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का पूरा समर्थन करता रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / prashant shekhar
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