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बिहार कैबिनेट की बैठक में पहली बार युवा आयोग का गठन के प्रस्ताव को मंजूरी

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-कुल 43 एजेंडों को मिली अनुमति

पटना, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

बिहार में पहली बार युवा आयोग का गठन किया गया है। इसका उदेश्य यहां के युवाओं को आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनाना है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे के साथ कई अन्य

एजेंडों पर मुहर लगी।

युवा आयोग के गठन से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने एक्स पर पोस्ट करके दी। इसमें उन्होंने लिखा कि बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन का निर्णय लिया है। समाज में युवाओं की स्थिति में सुधार और उत्थान से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने में इस आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के साथ यह आयोग समन्वय भी करेगा।

इस पोस्ट में आयोग के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि बिहार युवा आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे। इनकी अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष होगी। यह आयोग इस बात की निगरानी करेगा कि राज्य के स्थानीय युवाओं को राज्य के भीतर निजी क्षेत्र के रोजगारों में प्राथमिकता मिले। साथ ही राज्य के बाहर अध्ययन करने वाले और काम करने वाले युवाओं के हितों की भी रक्षा हो।

इसके साथ ही कैबिनेट में लिए गए 43 एजेंडों के बारे में विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि राज्य के बाहर भी जो युवा काम करने जाते हैं, उनके हितों की रक्षा करना भी इस आयोग का कार्य होगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसके गठन की समुचित प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगा।

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार में सरकारी नौकरी में राज्य की महिलाओं को एक बड़ी सहूलियत दी गई है। यहां की सरकारी नौकरियों में सभी वर्ग की महिलाओं को मिलने वाला 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ अब सिर्फ बिहार मूल की निवासी महिलाओं को ही दिया जाएगा। यानी बिहार के बाहर दूसरे किसी राज्य की महिलाओं को नौकरियों में इस आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा।

बिहार सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है। अब तक इस आरक्षण का लाभ अन्य राज्यों की महिलाओं को भी मिलता था, लेकिन अब यह सुविधा सिर्फ उन महिलाओं को मिलेगा, जो बिहार की स्थायी निवासी होंगी।

उन्होंने बताया कि अनियमित मानसून व सूखे जैसी स्थिति में फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को डीजल अनुदान देने को लेकर कैबिनेट ने 100 करोड़ खर्च की स्वीकृति दी है। साथ ही मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तीकरण योजना के तहत पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांग अभ्यर्थियों को बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 50 हजार तथा यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण होने पर एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि कमला बलान नदी पर आरसीसी पुल और पहुंच पथ निर्माण के लिए 15412.13 लाख की स्वीकृति दी गई है। पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए बिहार शहरी गैस वितरण नीति 2025 को मंजूरी दी गई है। बिहाल विधि सेवा में भर्ती के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया है।

कैबिनेट के अन्य फैसले-

-मोतिहारी जिले में माधोपुर-बहुरूपिया से दुबौलिया चौक तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए 3170.52 लाख की राशि स्वीकृत की गई है।

-आरा जिले में कुरमुरी से बंधवा तक सड़के चौड़ीकरण पर 3353.24 लाख को स्वीकृति दी गई।

-नवादा जिले में सड़क चौड़ीकरण के लिए 6970.23 लाख रुपये की मंजूरी।

-बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की संवद्धन नीति 2025 को मंजूरी।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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