-आचार्य महाश्रमण को राज्यपाल ने जन्मदिन की शुभकामनाएं दी
पालनपुर, 06 मई . राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आचार्य महाश्रमण को शुभकामनाएं देते हुए गुजरात राज्य की सुखाकारी के लिए उनके आशीर्वाद लिए. आचार्य महाश्रमण ने बनास की धरती पर, कर्णावती हाईस्कूल पालनपुर में अपना 64वां जन्मदिन मनाया. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ संघ के आचार्य महाश्रमण का 23 वर्ष बाद आज बनास की भूमि पर आगमन हुआ है.
इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि मानव जीवन में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, करूणा, दया और परोपकार आदि गुणों के साथ जो जीवन-यापन करते हैं, उन्हीं का जीवन सार्थक कहलाता है. आहार और निद्रा तमाम प्राणी लेते हैं. इसमें धर्म मानव को अलग करता है. धर्म अर्थात् अपने कर्तव्य का पालन करना. प्राणीमात्र के प्रति दया का भाव, सहिष्णुता और करुणा का भाव रखना चाहिए. संन्यास धर्म का पालन करते समय प्राणीमात्र के प्रति भलाई के साथ जीवन समर्पित करना चाहिए. अपनों में अपनेपन का भाव तो नजर आता है परंतु महान लोग दूसरों में भी अपनेपन की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं.
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी उन्नति के साथ सभी की उन्नति में भी दिलचस्पी होनी चाहिए. यह विचार उम्दा मनुष्य के हैं. यही विचार मोक्ष तक पहुंचने का मार्ग है. उन्होंने कहा कि आचार्य के जीवन के बारे में विभिन्न समाचार माध्यमों और साहित्य माध्यम से जानकारी मिलती रहती है. स्व-अनुभव से यह निष्कर्ष निकला है कि पशु-पक्षी पर भी दया भाव रखना चाहिए. सभी आत्मा में अपनी आत्मा के दर्शन करना ईश्वरीय कार्य है.
इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मानव जीवन दुर्लभ है और महत्वपूर्ण भी है. जीवन में मोक्ष प्राप्त करना ही श्रेष्ठ है. देवताओं को भी मोक्ष प्राप्त करने के लिए मानव बनकर इस धरती पर जन्म लेना पड़ता है. इस दुनिया में अनेक प्राणी हजारों की संख्या में जन्म लेते हैं. लेकिन सार्थक जीवन जीकर मनुष्य मोक्ष प्राप्त करता है, तभी जीवन सार्थक बनता है. जीवन में इच्छित फल प्राप्त करने के लिए दो अवधारणाएं हैं भाग्यवाद और पुरुषार्थ. जीवन में पुरुषार्थ करेंगे तो उसका फल अवश्य मिलता है. इसलिए आत्मा को मोक्ष मिले, तब तक पुरुषार्थ करते रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि साधु का धर्म है अहिंसा. साधु का निवेदन है क्षमता. मानव जीवन में मैत्री और अहिंसा का उपयोग करना चाहिए. आचार्य महाश्रमण ने कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत पांचवीं बार उपस्थित हुए हैं. आचार्य देवव्रत की ज्ञानपूर्ण बातें सुनकर मैं कहना चाहता हूं कि “अगर आपको अवसर मिले तो आप संन्यास लेने के बारे में अवश्य विचार करना”.
महाश्रमण के जन्म दिवस पर पालनपुर पधारे राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनको शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद लिया. उन्होंने प्रार्थना की कि जनता की भलाई के लिए कार्य करने वाले महाश्रमण का जीवन शतायु हो. वह इसी प्रकार मानव जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए कार्य करते रहें, ऐसी भगवान उनको शक्ति दें. उनका आशीर्वाद हम सभी पर लगातार बरसता रहे, राज्यपाल ने ऐसी कामना की.
इस अवसर पर पालनपुर के विधायक अनिकेत ठाकर, कलक्टर मिहिर पटेल, जिला विकास अधिकारी एम.जे. दवे, पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाणा सहित भारी संख्या में धर्मप्रेमी नागरिक उपस्थित रहे.
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/ बिनोद पाण्डेय
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