कोलकाता, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) ।ओडिशा के झारसुगुड़ा ज़िले में 444 बंगाली प्रवासी मजदूरों को ‘बांग्लादेशी नागरिक’ बताकर कथित तौर पर हिरासत में लेने के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई नेताओं ने इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए ओडिशा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा, पूर्व मेदिनीपुर, बीरभूम, पूर्व बर्दवान और दक्षिण 24 परगना ज़िलों से ताल्लुक रखते हैं। सोमवार को ओडिशा पुलिस ने इन मजदूरों को उन कॉलोनियों से उठाया जहां बंगाली भाषी श्रमिक बड़ी संख्या में रहते हैं। आरोप है कि उन्हें बिना उचित दस्तावेज़ के विदेशी घोषित कर हिरासत में लिया गया।
नदिया ज़िले की मिर्ज़ापुर पंचायत क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले 23 मजदूरों की गिरफ्तारी पर नाराज़गी जताते हुए महुआ मोइत्रा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, मेरे लोकसभा क्षेत्र के पनिघाटा ग्राम पंचायत के मिर्ज़ापुर गांव से 23 मजदूरों को ओडिशा पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में लिया है। ये सभी आधार और मतदाता पहचान पत्र जैसे वैध दस्तावेज़ रखते हैं। यदि इन्हें तुरंत नहीं छोड़ा गया, तो हम 23 हैबियस कॉर्पस याचिकाएं दायर करेंगे और मैं खुद वहां जाऊंगी।
महुआ ने यह भी आरोप लगाया कि यह सब कुछ भारतीय जनता पार्टी के ओडिशा में सत्ता में आने के बाद शुरू हुआ है। उन्होंने कहा, नवीन पटनायक की बीजद सरकार के 23 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह रोज़ का सिलसिला बन गया है।
महुआ मोइत्रा ने ओडिशा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ओडिशा के पर्यटन राजस्व का 50 प्रतिशत बंगाली पर्यटकों से आता है। वे ही आपके होटलों में रुकते हैं, आपके तीर्थस्थलों पर जाते हैं। अगर बंगाली पर्यटक ओडिशा जाना बंद कर दें तो क्या होगा?
ओडिशा पुलिस का पक्षसंबलपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु लाल ने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनके पास वैध नागरिकता का प्रमाण नहीं था, इसी कारण जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी को निर्धारित सुविधाओं वाले केंद्रों में रखा गया है और उनके भोजन, पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखा जा रहा है। जांच प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी लगे हुए हैं ताकि कोई भारतीय नागरिक गलत तरीके से प्रताड़ित न हो।
राज्यसभा सांसद और पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन समीरुल इस्लाम ने भी एक्स पर पोस्ट कर इस कार्रवाई को ‘बर्बर’ बताया और कहा कि वे पहले ही अदालत का दरवाज़ा खटखटा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह रवैया जारी रहा, तो व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा। उधर मामले को लेकर बंगाल के मुख्य सचिव ने ओडिशा के मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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