मंगलवार को होगी विधानसभा में अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ पर बहसविधेयक में बेअदबी पर आजीवन कारावास तक की सजा का है प्रावधान
चंडीगढ़, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पंजाब में करीब एक दशक से हो रही धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार ने सोमवार को विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ पेश कर दिया है। इस विधेयक पर मंगलवार को विधानसभा में चर्चा होगी। इस विधेयक में धार्मिक ग्रंथों और स्थलों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान किया गया है।
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई। सोमवार को बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद बाढ़ की संभावित स्थिति तथा पानी के कुदरती स्रोत को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदन में पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने एक घंटे के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करके अपने चैंबर में ऑल पार्टी बैठक बुलाई। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के अलावा भाजपा के विधायक अश्वनी शर्मा, अकाली दल व बसपा के विधायक भी शामिल हुए।
बैठक के बाद सदन में दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में पूर्व समय के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं का जिक्र करते हुए ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025’ सदन में पेश किया। स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने इस विधेयक पर बहस के लिए विधायकों की संख्या के आधार पर आम आदमी पार्टी एक घंटा 35 मिनट, कांग्रेस 16 मिनट, शिरोमणि अकाली दल तीन मिनट, भाजपा, बसपा तथा निर्दलीय विधायक दो-दो मिनट बोलने का समय निश्चित किया है।
बहस शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि नियमानुसार किसी भी विधेयक की प्रति 48 घंटे पहले दी जानी चाहिए। यह विधेयक आज ही मंत्रिमंडल में पारित किया गया है और आज ही सदन में आ गया है। इसका ड्राफ्ट महज 15 मिनट पहले मिला है। ऐसे में विधायक अपनी बात नहीं रख पाएंगे। बाजवा ने इस विधेयक की गंभीरता का हवाला देते हुए कहा कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान इस पर चर्चा की जाए। सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विपक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि सरकार इस विधेयक पर मंगलवार को चर्चा करवाने के लिए तैयार है। जिसके चलते स्पीकर ने इस विधेयक को मंगलवार के लिए लंबित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि अब तक ऐसा कोई विशेष कानून मौजूद नहीं था, जो पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराधों को सीधे तौर पर संबोधित करता हो, जिसके परिणामस्वरूप अपराधी अक्सर गंभीर कार्रवाई से बच निकलते थे। इस विधेयक का उद्देश्य सभी धर्मों और समुदायों से जुड़े बेअदबी के मामलों में सजा का प्रावधान किया गया है। इस प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे अपराध की कोशिश करने वालों को भी तीन से पांच साल की कैद की सजा का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
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