देहरादून, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश के ढालवाला स्थित भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के कार्यालय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय रेशों, भीमल, कंडाली और भांग से तैयार किए जा रहे उत्पादों का अवलोकन किया और तागा बुनने की प्रक्रिया को भी करीब से देखा।
संस्था की अध्यक्ष गीता चंदोला ने ग्राम्य विकास मंत्री को अवगत कराया कि संस्था बीते 35 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोजगार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को विभिन्न विभागों के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके उत्पादों की बिक्री विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से की जाती है। वर्तमान में संस्था में 40 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं।
संस्था की अध्यक्ष ने ग्राम्य विकास मंत्री से संस्था के लिए एक स्थायी इंपोरियम की मांग भी की, ताकि स्थानीय उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध कराया जा सके। मंत्री जोशी ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए महिलाओं को मसूरी में शीघ्र ही स्थायी इंपोरियम स्थापित किए जाने का भरोसा दिलाया।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में यह संस्था सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के हुनर को मंच देना हमारी प्राथमिकता है। जिस प्रकार यहां स्थानीय संसाधनों से समूह की महिलाओं द्वारा उत्कृष्ट उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, वह न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देता है, बल्कि हमारी परंपराओं को भी जीवंत बनाए रखता है। उन्होंने कहा कि मसूरी में स्थायी इंपोरियम की स्थापना से इन महिलाओं को व्यापक बाजार मिलेगा और राज्य की पारंपरिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ावा बढ़ावा देने के साथ ही पारंपरिक शिल्प और तकनीकों को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
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