जम्मू, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू (सीयूजे) के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन विभाग (एनएसएस) ने कुलपति प्रो. संजीव जैन के संरक्षण में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया. विषय था – हरी सिंह के विलय निर्णय की भूमिका और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसका प्रभाव. व्याख्यान प्रो. (सेवानिवृत्त) हरबंस सिंह संब्याल, वरिष्ठ विद्वान और प्रख्यात इतिहासकार ने प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. नीता रानी के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने ऐतिहासिक निर्णयों को समझने के महत्व पर प्रकाश डाला. इसके बाद डॉ. आर. सुधाकर ने मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए उनके शैक्षणिक योगदान और पत्रकारिता लेखन की चर्चा की.
अपने व्याख्यान में प्रो. संब्याल ने 1947 में महाराजा हरी सिंह के भारत में विलय के निर्णय का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि यह कदम न केवल राज्य के गठन की नींव था बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का महत्वपूर्ण आधार भी बना. उन्होंने पाकिस्तान द्वारा शीत युद्ध और उसके बाद की परिस्थितियों में अपनाए गए भू-राजनीतिक रुख की भी चर्चा की और कहा कि यह निर्णय आज भी सीमा-पार चुनौतियों और क्षेत्रीय स्थिरता के संदर्भ में प्रासंगिक है.
प्रो. एम. वेंकटारमन ने अपने विशेष संबोधन में इस ऐतिहासिक निर्णय को भारत की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा रणनीति का मूल आधार बताया. अंत में प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित हुआ, जिसमें शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की.
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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