हरियाणा के नूंह में गुरुवार-शुक्रवार की रात एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा देने वाले मशहूर ऐप “मोबिक्विक” के यूजर्स के वॉलेट में अचानक लाखों रुपये दिखने लगे। बिना किसी लेनदेन के छोटी-बड़ी रकम उनके वॉलेट में नजर आई, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोग इस “मुफ्त के पैसे” को कैश कराने की होड़ में लग गए।
रातभर चला कैश का खेललोगों ने तुरंत बड़े दुकानदारों, व्यापारियों और पेट्रोल पंपों का रुख किया। मोबिक्विक वॉलेट में दिख रहे लाखों रुपये की ट्रांजैक्शन कर उन्होंने कैश हासिल कर लिया। बदले में व्यापारियों को मोटा कमीशन भी दिया गया। कुछ लोगों ने तो 50 फीसदी तक कमीशन का लालच दे दिया। नूंह से लेकर पलवल तक रातभर यही खेल चलता रहा। लोग खुशी-खुशी सोच रहे थे कि उनकी किस्मत चमक गई है।
सुबह खुली नींद, तो उड़े होशलेकिन सुबह 8 बजे जब व्यापारियों ने रात में की गई ट्रांजैक्शन को अपने बैंक अकाउंट या दूसरे यूजर्स के वॉलेट में ट्रांसफर करने की कोशिश की, तो सारा मामला फेल हो गया। ट्रांजैक्शन फंस गए और रुपये गायब! व्यापारियों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस और साइबर टीम हरकत मेंपुलिस की आईटी और साइबर क्राइम टीम तुरंत हरकत में आई। मामले की जांच शुरू करते हुए पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें साफ कहा गया कि यह एक बड़ा फ्रॉड है। लोगों को हिदायत दी गई कि किसी भी तरह की ट्रांजैक्शन को स्वीकार न करें। पुलिस का कहना है कि नूंह में करीब 80 फीसदी व्यापारी मोबिक्विक ऐप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे इस फ्रॉड का दायरा काफी बड़ा हो सकता है।
मोबिक्विक से मांगी गई सफाईपुलिस ने मोबिक्विक ऐप की ऑथोरिटी से भी संपर्क किया है और इस मामले की पूरी जानकारी मांगी है। सवाल यह है कि आखिर यह गड़बड़ कैसे हुई? कितने लोग इस फ्रॉड का शिकार बने? फिलहाल, जांच जारी है और पुलिस हर पहलू को खंगाल रही है। इस घटना ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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