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हनी ट्रैप और डिजिटल अरेस्ट, एसएसपी देहरादून ने कैडेट्स को दिए साइबर अपराध से बचने का मंत्र

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देहरादून की पुलिस लाइन में एक खास मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के प्रशिक्षणरत कैडेट्स के साथ गहन चर्चा की। यह मुलाकात 8 मई 2025 को पुलिस लाइन के सभागार में हुई, जहां कैडेट्स को साइबर अपराधों, सोशल मीडिया की सावधानियों, पुलिस कंट्रोल रूम की भूमिका और पुलिस-सेना के बीच समन्वय जैसे अहम विषयों पर गहन जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का मकसद था युवा सैन्य अधिकारियों को आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना और उनके साथ अनुभव साझा करना। 

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। एसएसपी ने कैडेट्स को बताया कि हनी ट्रैप, फर्जी लिंक और डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम से कैसे बचा जा सकता है। उन्होंने साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतने और संदिग्ध कॉल या लिंक की जानकारी तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को देने की सलाह दी। यह चर्चा न केवल जानकारी से भरी थी, बल्कि कैडेट्स के सवालों और सुझावों ने इसे और भी जीवंत बना दिया। 

आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर बात करते हुए एसएसपी ने पुलिस और सेना के बीच आपसी तालमेल के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा के लिए दोनों संस्थाओं का एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना कितना जरूरी है। कैडेट्स को यह समझाया गया कि किस तरह छोटी-छोटी सूचनाओं का आदान-प्रदान भी बड़े खतरों को टाल सकता है। इस दौरान पुलिस कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली को भी विस्तार से समझाया गया। आपात स्थिति में 112 नंबर डायल करने की अहमियत और कंट्रोल रूम के त्वरित जवाब देने की प्रक्रिया ने कैडेट्स का ध्यान खींचा। 

सोशल मीडिया के दौर में सावधानी बरतना कितना जरूरी है, इस पर भी गहन चर्चा हुई। एसएसपी ने बताया कि साइबर अपराधी अक्सर सैन्य कर्मियों को निशाना बनाते हैं। फर्जी प्रोफाइल, अनजान लिंक या लुभावने ऑफर के जरिए ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। कैडेट्स को सलाह दी गई कि वे सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें। 

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 8 से 10 मई 2025 तक देहरादून में चल रहा है, जिसमें कैडेट्स पुलिस की विभिन्न शाखाओं के कामकाज को करीब से समझ रहे हैं। इस तरह की पहल न केवल कैडेट्स को व्यावहारिक ज्ञान देती है, बल्कि पुलिस और सेना के बीच भरोसे का रिश्ता भी मजबूत करती है। इस मुलाकात ने कैडेट्स को नई चुनौतियों से निपटने के लिए प्रेरित किया और उन्हें भविष्य की जिम्मेदारियों के लिए तैयार होने का मौका दिया। 

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