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बीमा कंपनियों का बड़ा फैसला- अब सिर्फ 2 घंटे भर्ती हुए तो भी मिलेगा पूरा क्लेम!

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हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में एक नई और राहत भरी खबर सामने आई है, जो मेडिकल खर्चों को लेकर आपकी चिंताओं को कम कर सकती है। अब आपको इलाज के लिए अस्पताल में पूरे 24 घंटे भर्ती रहने की जरूरत नहीं है। बीमा कंपनियों ने अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव करते हुए अब सिर्फ 2 घंटे की भर्ती पर भी मेडिक्लेम देने की सुविधा शुरू कर दी है। यह बदलाव आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के साथ कदमताल करने और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है। आइए, इस बदलाव के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।

मेडिकल टेक्नोलॉजी ने बदली तस्वीर

आज का युग तेजी से बदल रहा है, और इसके साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पहले जहां मोतियाबिंद सर्जरी, कीमोथेरेपी, एंजियोग्राफी या डायलिसिस जैसे इलाजों के लिए मरीजों को कम से कम एक रात अस्पताल में बितानी पड़ती थी, अब ये प्रक्रियाएं कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती हैं। आधुनिक तकनीकों ने न केवल इलाज को तेज किया है, बल्कि इसे पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी और सुविधाजनक भी बनाया है। ऐसे में बीमा कंपनियों ने भी अपनी पुरानी 24 घंटे की भर्ती की शर्त को हटाकर मरीजों के लिए राहत का रास्ता खोल दिया है।

कौन-सी बीमा योजनाएं दे रही हैं यह सुविधा?

कई प्रमुख बीमा कंपनियों ने अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों को अपडेट किया है, ताकि कम समय में होने वाले इलाज भी कवर हो सकें। उदाहरण के लिए, ICICI लोम्बार्ड का एलिवेट प्लान 10 लाख रुपये का कवरेज देता है, जिसका सालाना प्रीमियम लगभग 9,195 रुपये (30 वर्षीय व्यक्ति के लिए) है। वहीं, केयर सुप्रीम प्लान भी 10 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करता है, जिसका प्रीमियम 12,790 रुपये सालाना है। इसके अलावा, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान 10 लाख रुपये के कवर के साथ 14,199 रुपये के सालाना प्रीमियम पर उपलब्ध है। ये योजनाएं न केवल किफायती हैं, बल्कि मरीजों की जरूरतों के हिसाब से लचीली भी हैं।

डे-केयर प्रोसीजर को मिलेगा पूरा लाभ

इस नए बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब डे-केयर प्रोसीजर जैसे मोतियाबिंद सर्जरी, कीमोथेरेपी, डायलिसिस और अन्य छोटे-मोटे ऑपरेशनों पर भी बीमा क्लेम मिल सकेगा। पहले मरीजों को सिर्फ इसलिए क्लेम से वंचित रहना पड़ता था, क्योंकि वे 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती नहीं रहते थे। अब यह बाधा खत्म हो चुकी है। इसका मतलब है कि आप बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ के समय पर इलाज करवा सकते हैं। यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि आपकी जेब पर भी अनावश्यक दबाव नहीं डालता।

बीमा कंपनियों का नया दृष्टिकोण

बीमा कंपनियां अब मेडिकल तकनीकों में हो रहे बदलावों को समझ रही हैं और अपनी पॉलिसियों को उसी हिसाब से ढाल रही हैं। यह नया दृष्टिकोण न केवल ग्राहकों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि बीमा को और भी स्मार्ट और प्रासंगिक बनाता है। अब आप छोटे-छोटे इलाजों के लिए भी बीमा का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपका समय और पैसा दोनों बचेंगे। यह बदलाव हेल्थ इंश्योरेंस को पहले से ज्यादा विश्वसनीय और ग्राहक-केंद्रित बनाता है।

आपके लिए इसका क्या मतलब है?

यह बदलाव हर उस व्यक्ति के लिए एक बड़ी राहत है, जो हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ उठाना चाहता है। चाहे आप किसी छोटे ऑपरेशन के लिए अस्पताल जाएं या कुछ घंटों की प्रक्रिया के लिए, अब आपको क्लेम मिलने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। यह नई नीति न केवल आपके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, बल्कि आपको आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करती है। अगर आप अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह सही समय है अपनी जरूरतों के हिसाब से एक अच्छा प्लान चुनने का।

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