UPS vs NPS : नई पेंशन स्कीम (NPS) या पुरानी पेंशन स्कीम (OPS), कौन सी चुनें? ये सवाल महीनों से सरकारी कर्मचारियों के दिमाग में घूम रहा है। जल्द ही फैसला लेना होगा, लेकिन अच्छी खबर ये है कि भारत सरकार ने दोनों पेंशन स्कीमों (NPS vs UPS) में से एक चुनने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। ये आर्टिकल आपको बताएगा कि नई पेंशन स्कीम (UPS) में पुरानी सिस्टम में न होने वाले 3 बड़े फायदे हैं, जो इसे और आकर्षक बना देते हैं।
सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू की है। शुरू में कर्मचारियों को 30 जून तक का वक्त दिया गया था, जो बाद में 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया। लेकिन हाल ही में UPS में स्विच ऑप्शन, स्वैच्छिक इस्तीफा या जबरन रिटायरमेंट पर फायदा, और टैक्स छूट जैसे प्रावधान जोड़े गए हैं। पेंशन हमेशा से राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रही है।
कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। सरकार ने UPS को OPS और NPS के बीच एक बीच का रास्ता बताया है। अब डेडलाइन बढ़ाने से सरकार को ये मौका मिला है कि वो कर्मचारियों की चिंताओं को सुन रही है, ये दिखा सके। इसके बाद PFRDA को CRA सिस्टम और नियमों में बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं। मतलब, आने वाले दिनों में कर्मचारी UPS चुनने के लिए ज्यादा आसान डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारों कर्मचारी कन्फ्यूज थे कि पुरानी सिस्टम पर टिकें या नई UPS अपनाएं। लेकिन इन नई बदलावों ने UPS को और मजबूत बना दिया है। आइए जानते हैं वो तीन फायदे जो पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में नहीं हैं।
स्विच ऑप्शन
UPS और NPS के बीच स्विच करने का विकल्प मिलना सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। कर्मचारी भविष्य में अपनी जरूरत के हिसाब से दोनों पेंशन स्कीमों (NPS vs UPS) के बीच आसानी से शिफ्ट कर सकेंगे। ये फ्लेक्सिबिलिटी पुरानी सिस्टम में कहीं नहीं थी, जिससे अब फैसला लेना आसान हो गया है।
टैक्स बेनिफिट्स
नई प्रावधानों में टैक्स छूट को साफ-साफ बताया गया है। UPS चुनने वाले कर्मचारियों को टैक्स में राहत मिलेगी, जो NPS में हमेशा एक बड़ा सवाल रहता था। ये बदलाव पॉकेट में ज्यादा पैसे रखने का शानदार तरीका है, खासकर रिटायरमेंट के बाद।
रिटायरमेंट सिक्योरिटी
स्वैच्छिक इस्तीफा या जबरन रिटायरमेंट के केस में भी पेंशन की गारंटी मिलना UPS का तीसरा कमाल है। पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में ऐसी सिक्योरिटी नहीं थी, लेकिन अब UPS से हर स्थिति में फाइनेंशियल प्रोटेक्शन मिलेगा। ये फीचर कर्मचारियों को मानसिक सुकून देगा।
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