जबलपुर, मध्य प्रदेश का एक शांत शहर, हाल ही में एक बड़े वित्तीय घोटाले की खबर से हिल गया है। शहर के प्रतिष्ठित शुभ मोटर्स शोरूम में 98 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है, जिसकी मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि कंपनी की अकाउंटेंट मुस्कान खान निकली। इस घोटाले ने न केवल कंपनी मालिक को स्तब्ध कर दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि विश्वास पर आधारित नौकरियां भी कितनी जोखिम भरी हो सकती हैं।
पांच साल की सुनियोजित चोरीशुभ मोटर्स, जबलपुर का एक जाना-माना नाम, जहां कारों की बिक्री के साथ-साथ भरोसे की भी नींव थी। लेकिन 2021 से 2025 के बीच, इस भरोसे को मुस्कान खान ने अपने चतुर दिमाग और धोखे की योजना से तोड़ दिया। मुस्कान, जो 2021 से कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत थी, ने अपने साथियों—दूसरी अकाउंटेंट नेहा श्रीवास्तव और कर्मचारी संदीप कुमार मिश्रा—के साथ मिलकर एक ऐसी साजिश रची, जिसने कंपनी को लाखों का चूना लगाया।
यह घोटाला इतना सुनियोजित था कि पांच साल तक किसी को भनक तक नहीं लगी। मुस्कान और उसके साथियों ने कंपनी के RTGS (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) फॉर्म में हेरफेर किया। वे फॉर्म में कंपनी के बैंक खाते की जानकारी को हटाकर अपने परिचितों, रिश्तेदारों और यहां तक कि अपने परिवार के सदस्यों के खाते की जानकारी डाल देते थे। इस तरह, कंपनी का पैसा उनके नियंत्रण में चला जाता था।
कैसे खुला घोटाले का राज?इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश एक छोटी-सी गलती से हुआ। एक दिन, कंपनी के एक अन्य कर्मचारी की नजर RTGS फॉर्म पर पड़ी, जिसमें कंप्यूटर प्रिंट के बजाय पेन से लिखी जानकारी थी। यह असामान्य था। कर्मचारी ने तुरंत इसकी जानकारी शुभ मोटर्स के मालिक महेश केमतानी को दी। शक होने पर महेश ने कंपनी के खातों का ऑडिट करवाया, और तब जाकर इस 98 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ। ऑडिट में पता चला कि मुस्कान, नेहा और संदीप ने मिलकर कंपनी के फंड को अपने और अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर किया।
मुस्कान खान: घोटाले की असली सरगनापुलिस जांच में यह साफ हो गया कि इस पूरे फर्जीवाड़े की मुख्य सूत्रधार मुस्कान खान थी। उसने न केवल अपने पति, भाई, बहन और मां के खातों में पैसा ट्रांसफर किया, बल्कि जबलपुर के बाहर भी कई खातों में राशि भेजी। पुलिस अभी इन खातों की जांच कर रही है। मुस्कान ने 2023 में नेहा श्रीवास्तव को अकाउंटेंट के पद पर नियुक्त करवाया, जिसके बाद यह तिकड़ी और भी साहसिक हो गई। वे RTGS फॉर्म में काट-छांट कर अपने परिचितों के खाते में पैसे भेजते और फिर उस राशि का बंटवारा कर लेते।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारीजैसे ही इस घोटाले का खुलासा हुआ, महेश केमतानी ने मदन महल थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुस्कान खान, नेहा श्रीवास्तव और संदीप कुमार मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच के दौरान मुस्कान खान और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस अब उन सभी खातों की जांच कर रही है, जहां यह राशि ट्रांसफर की गई थी।
क्या सिखाता है यह मामला?यह घोटाला न केवल एक वित्तीय अपराध की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कंपनियों को अपने वित्तीय लेन-देन और कर्मचारियों की गतिविधियों पर कितनी सतर्कता बरतने की जरूरत है। एक छोटी-सी लापरवाही लाखों के नुकसान का कारण बन सकती है। शुभ मोटर्स का यह मामला हर उद्यमी के लिए एक सबक है कि समय-समय पर ऑडिट और सख्त निगरानी कितनी महत्वपूर्ण है।
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